मै 'अपूर्व कौशिक' |
वैसे मै तो बड़ा होकर देशभक्त बनना चाहता हूँ किन्तु सब कहते हैं इसकी कोई कक्षा नहीं है. वैसे इस बार मेरा इरादा था की वोट दूँ और अच्छी सरकार चुनु किन्तु माँ से पता चला की मेरा तो वोट ही नहीं बना अब तक. अब मेरी माँ सबसे कहती रहती हैं की वोट दो वोट दो और मेरा वोट नहीं बनाया अभी तक. मैंने पूछा तो कहा की मै छोटा हूँ. कभी कभी समझ नहीं आता की मै छोटा हूँ या बड़ा हूँ? यदि आपको आता हो तो मुझे बता देना.
बात तो चल रही थी की अब मै नयी कक्षा में आ जाऊंगा इससे मै बहुत खुश हूँ. मुझे नयी किताबे मिलेंगी और नया स्कूल भी पर सबसे जयादा ख़ुशी इस बात की है की अब हम दोनों भाई एक ही स्कूल में पढेंगे. अब मै ये पोस्ट बंद कर रहा हूँ नहीं तो माँ डाटेंगी.
सबको नमस्ते
अपूर्व कौशिक
No comments:
Post a Comment